विभा सिंह की कवितायें
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Sunday 30 June 2013
अस्तित्व
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नारी तेरे छबि कलियाँ सी बन सुमन चमन आबाद किया । भ्रमरों ने मर्कन्द पिया फिर हल पे तेरे छोड़ दिया ॥ कभी पिरोई गयी तू मोती सी ...
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जिंदगी
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जिंदगी इतनी आसान नहीं होती है कभी फूल कभी काँटों में कड़ी होती है । खुली आँख तो खुशियों की बौछार आई बढे कदम तो खुसबू की बहार आई । खिले...
नारी तेरे रूप अनेक
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नारी शक्ति की पुंज हो तुम फिर क्यूँ अबला कहलाई हो । पानी दूध की सरिता हो यह मौन स्वीकृति पाई हो ...
नववर्ष
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नए साल की नयी कामना नयी उमंगें लायी हो सबको बधाई - हो सबको बधाई । । जीवन के दुर्गम पथ पर हम सदा से चलते आये लेकिन बाधाओं से हम नहीं क...
Wednesday 7 March 2012
होली!!!
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दो अक्षर का नाम है होली रंगों का त्यौहार है होली टूटी दिल को जोड़े होली तार-२ झंकृत हो बोले हर दिल की बोली अरे मै तेरी होली की हाय मै ...
यांदे!!!
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यांदे तो जीवन के पल-२ की कहानी है कोई कडवी दर्द भरी तो , कोई मीठी सुहानी है ।। बचपन की मीठी यादे , मानस में किलोले करती सखियों के मधुर...
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अनुभव !!!!!!!!!!!!!!!
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दुःख न आता तो ,सुख का अनुभव कहाँ होता । वियोग के बाद सयोंग का , आनंद कहाँ होता ।। हानी न होती तो लाभ का मूल्य कहाँ होता । अभाव की बाद उपल...
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